आज हम इस पोस्ट में आपको अयोध्या के राम मंदिर के बारे में कुछ विशेष जानकारियाँ देंगे।22 जनवरी को अयोध्या में एक और दिवाली मनायी जाएगी, और पूरे देश में जय श्री राम का महापर्व मनाया जाएगा।22 जनवरी की ही वो तारीख़ होगी जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी।22 जनवरी को मनेगी भगवान श्री रामजी की नगरी में सांस्कृतिक स्वाधीनता।सभी के मन में यही सवाल आ रहा होगा आख़िर इस शुभ पर्व के लिए 22 जनवरी की ही तारीख़ को क्यों चुनी गयी।इसके पीछे की पौराणिक और धार्मिक दोनों वजहों को जानना ज़रूरी है।22 जनवरी की तैयारी सिर्फ़ अयोध्या तक ही सीमित नहीं है,बल्कि 22 जनवरी को अतुलनीय और अनंतकाल के लिए इसे अविस्मरणीय बनाने के लिए पूरे देश भर में राम भक्त कमर कस चुके हैं, यानी की उत्साहित हैं।वो 22 जनवरी का दिन होगा जब अयोध्या में प्रभु श्रीरामजी भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।लेकिन इन सब के बीच लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं की, इस शुभ अवसर के लिए 22 जनवरी की ही तारीख़ क्यों चुनी गयी।सदियों बाद प्रभु श्रीराम अपने उस स्थान पर आएँगे जहाँ उन्होंने जन्म लिया था, और ये बात हिंदुओ के दिमाग़ पर एक अमिट छाप छोड़ जाएँगी हमेशा-हमेशा के लिए।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को ही क्यों की जाएगी? (Why will the Consecration of Ram Temple be done only on 22 January?)
22 जनवरी का दिन प्रधानमंत्री ने इसलिए रखा है क्योंकि,22 जनवरी को कूर्म द्वादशी पड रही है।कूर्म द्वादशी का क्या ऐतिहासिक महत्व है और क्या पौराणिक महत्व है? कूर्म द्वादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने कच्छप अवतार लिया था।और भगवान श्री रामजी भगवान श्री विष्णुजी का ही अवतार हैं।हर साल शुक्ल पक्ष की जो पौष महीने का होता है,उसके बारहवें दिन कूर्म द्वादशी पड़ती है।और इस बार वो तिथि 22 जनवरी को पड़ रही है,और इसलिए प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा उसी दिन की जा रही है।विष्णु पुराण के मुताबिक़ भगवान विष्णु ने कूर्म यानी कछुए का अवतार लिया था।जिस कारण यह द्वादशी भगवान विष्णु के कूर्म रूप को समर्पित है।इसदिन भगवान विष्णु की कूर्म रूप में पूजा की जाती है।सनातन धर्म में कूर्म जयंती का बहुत महत्व है।अगर इस दिन गृह निर्माण का कार्य किया जाए तो वो पूरा होता है।अगर किसी के घर में वास्तु दोष होता है तो इस दिन वास्तु दोष को बहुत ही आसानी से दूर किया जा सकता है।इसलिए इस दिन को बहुत ही शुभ माना गया है।
राम मंदिर को लेकर अयोध्या वासियों का उत्साह (Ayodhya Residents’ Enthusiasm about Ram Temple)
अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा जिस 22 जनवरी की तारीख़ को होगी वो 22 जनवरी की तारीख़ भविष्य में हिंदुस्तान के लिए एक खास दिन के तौर पर जाना जाएगा। इस दिन का इंतज़ार केवल अयोध्यावासी ही नहीं, बल्कि पूरा देश बेसब्री से कर रहा है।22 जनवरी का दिन हमारे देश के अयोध्या नगरी में दूसरी दिवाली के रूप में मनाया जाएगा।अयोध्या वासी एक बार फिर से प्रभु श्री रामचंद्र जी के आगमन पर जश्न मनाएँगे।22 जनवरी को ठीक वैसा ही आनंद का माहौल होगा जैसा आनंद का माहौल त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम के 14 साल के वनवास से लौटने के बाद बना था।श्री राम जी की नगरी अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए यह 22 जनवरी की तारीख़ यादगार बनेगी।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्या किया जा रहा है? (What is being done for the Consecration of Ram Temple?)
22 जनवरी को होने वाले शुभ कार्य में कोई बाधा या विघ्न ना आए उसके लिए अयोध्या में पिछले 400 से ज़्यादा दिनों से निरंतर यज्ञ हो रहा है।इस महायज्ञ का आयोजन पिछले साल 4 नवम्बर को शुरू हुआ था।जो प्राण प्रतिष्ठा के एक महीने बाद तक यूँ ही निरंतर चलता रहेगा।22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से देश के गणमान्य लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं।इनमे कला जगत की बड़ी हस्तियों के भी नाम हैं। अभिनेता अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार को प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण पत्र भेजा गया।
राम मंदिर का द्वार आम जनता के लिए कब खुलेगा? (When will the gates of Ram temple open for the general public?)
22 जनवरी के बाद आम भक्तों के लिए भव्य राम मंदिर का दिव्य द्वार खुलेगा,जिसके लिए पूरे अयोध्या में बड़ी तैयारी हो रही है।लाखों श्रद्धालुओं के रहने और खाने से लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतज़ाम किए जा रहे हैं।अयोध्या नगरी तैयार है।विश्व भरमें श्रद्धालु बेसब्र हैं।प्रतीक्षा की घड़ियाँ ख़त्म होने वाली हैं।श्री राम के बाल स्वरूप राम लला के नए रूप के दर्शन होने वाले हैं।जो राम लला के दर्शन के लिए अयोध्या आने की तैयारी में हैं,उनके लिए यह ख़ुशख़बरी है कि उनके लिए अयोध्या में टेंटसिटी बनकर अब तैयार है।जहाँ पर हर तरह की सुविधाएँ मौजूद है, ताकि प्रभु श्रीराम के भक्तों को किसी भी तरह की कोई भी तकलीफ़ होने ना पाए।देश ही नहि बल्कि विश्व के हर कोने से हर किसी का स्वागत है।
अयोध्या कि टेंट सिटी कैसी है? (How is the Tent City of Ayodhya?)
प्रभु श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा के लिए लाखों श्रद्धालु उनकी स्वागत में अयोध्या आएँगे।भक्तों को ठहरने के लिए तमाम तरह के इंतज़ाम किए जा रहे हैं।जिसमें शामिल है, टेंट सिटी अयोध्या ब्रह्म कुंड।यह टेंट सिटी सामान्य टेंट सिटी नहीं है।एक तरह से फ़ाइव स्टार स्तर की ये टेंट सिटी है और इसको ठीक राम मंदिर के लगभग 150 से 200 मीटर की दूरी पर यह जगह अयोध्या विकास प्राइवट कम्पनी के समझौते के तहत इसका निर्माण किया गया है।इसमें 30 कौटेज़ हैं।यह कौटेज़ किसी भी 5 सितारा होटेल के कमरे से कम नहीं है।अगर आप इन कौटेज़ को देखेंगे तो यह बहुत ही गुणवत्ता वाले कौटेज़ हैं।यह बहुत ही ख़ूबसूरती से बनाए गए हैं।सब कुछ आपको माडर्न लूक में दिखाई देगा।इस टेंट सिटी में आपको फ़ाइव स्टार वाली फ़ीलिंग आएगी।राम मंदिर के ठीक सामने यह टेंट सिटी बनायी गयी है।यह टेंट सिटी खास तौर पर विदेशी मेहमानों के लिए तैयार किया गया है।टेंट सिटी में कोई भी कौटेज बुक करवा सकता है।एक दिन का किराया 10 से 15000 रुपए का होगा।अयोध्या विकास प्राधिकरण ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया है।एक निजी कम्पनी के साथ 15 साल का अनुबंध किया गया है।अयोध्या में टेंट सिटी तैयार की गयी है तो ज़ाहिर सी बात है की वह पर श्रीराम जी की निशानी तो होगी ही।इसलिए टेंट सिटी अयोध्या ब्रह्म कुंड में प्रवेश करते ही सबसे पहले आपको दर्शन होंगे चरण पादुका के।अयोध्या को आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर विकसित किया गया है।ऐसे में राजधानी की सुविधाएँ भी राजधानी जैसी ही होनी चाहिए।
राम मंदिर का भूमि पूजन कब हुआ था? (When was the Bhoomi Poojan of Ram Temple held?)
शताब्दियों की अभिलाषा और सदियों की तपस्या और दशकों का संघर्ष सफल हुआ और 5 अगस्त साल 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया।और बस इसिके साथ उन्होंने श्री राम जन्म भूमि पर राम मंदिर का कार्य शुरू करवा दिया।अद्भुत,अलौकिक,आकर्षक, अद्वित्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का कार्य और श्रीराम मंदिर के साथ-साथ निर्माण हो रहा भव्य और दिव्य अयोध्या का जहाँ पहुँचने वाले श्रद्धालुओं एवं मेहमानों के लिए सारी सुविधाए तैयार हो रही है।
राम मंदिर में भोजन की व्यवस्था (Arrangement of food in Ram temple)
राम लला अपने नए घर में आने वाले हैं।राम लला के स्वागत के लिए अयोध्या भी भव्य और दिव्य बन रही है।श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तमाम तरह के इंतज़ाम किए जा रहे हैं।अयोध्या को इस तरह सजाया जा रहा है जैसा आज से पहले विश्व के किसी भी शहर को सजाने के लिए नहि किया गया है।22 जनवरी को जब राम लला प्रभु श्रीराम को मंदिर में विराजमान किया जाएगा उससे पहले और उसके बाद अयोध्या में तमाम तरह के कार्यक्रम होंगे।पूरे देश से हर दिन लाखों की संख्या में मेहमान और श्रद्धालु अयोध्या पहुँचेंगे।उनके ठहरने के साथ ही साथ उनके भोजन की भी पूरी व्यवस्था की जाएगी।देश के अलग अलग हिस्सों से लोगों के दान में दी गयी भोजन सामग्री को अयोध्या तक पहुँचाने और उनके भंडारण का ज़िम्मा संभाल रही हैं, विश्व हिंदू परिषद।भोजन के लिए भंडारण केंद्र तैयार किया गया है।अलग- अलग राज्यों से आयी भोजन सामग्री भंडारण केंद्र में रखी जा रही है।भंडारण केंद्र को ज़मीन से 2 फ़ीट ऊपर तैयार किया गया है।अयोध्या के गणेश कुंज में (VHP) वीएचपी भोजन सामग्री का भंडारण कर रही है।यहाँ अनाज के साथ मसालों की भी खेप पहुँच रही है।चीनी,चायपत्ती और नामक की खेप भी विश्व हिंदू परिषद के बनाए भंडारण में पहुँच रही है।जिसे चूहों और नमी से बचाके रखने का पूरा इंतज़ाम किया गया है।
राम मंदिर अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए क्या व्यवस्था है? (What are the arrangements for devotees and Tourists in Ram Mandir Ayodhya?)
हर दिन क़रीब 1 लाख श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को अयोध्या पहुँचने का अनुमान है,और उसी को ध्यान में रख कर अयोध्या को दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर तैयार किया जा रहा है।पूरी अयोध्या में अलग- अलग जगहों पर मेहमान और श्रद्धालुओं के खाने-पीने की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद ने बक़ायदा एक आधार रसोई तैयार की है। (VHP) वीएचपी के बेस किचन में खाना पकाया जाएगा। अयोध्या की सीमा में चारों तरफ़ भोजनालय बनाया जाएगा।बेस किचन में पकाया हुआ खाना भी सभी भोजनालय में भेजा जाएगा।अयोध्या के हर हिस्से में भोजन वितरित करने की व्यवस्था होगी।वाराणसी और लखनऊ से बावर्ची खाना बनाने के लिए पहुँच रहे हैं।भोजनालय में शुद्ध और सात्विक भोजन परोसा जाएगा।देश भर से लोग भोजन की सामग्रियाँ दान के रूप में भिजवा रहे हैं।हर राज्य के (VHP) वीएचपी के 10 स्वयंसेवक इस काम में लगे हुए हैं।10,000 कार्यकर्ता 36 भोजनालय से भोजन की व्यवस्था की जा रही है।वो प्रतीक्षा के पल मानो अब सफल होने वाले हैं। आज श्रीराम जी की नगरी सबसे ज़्यादा प्रसन्न दिखती है।आज रघुनन्दन की प्रजा परम आनंद के रस में डूबी है। श्रीराम जी का मंदिर प्रत्येक दिन नयी ऊँचाई प्राप्त कर रहा है।अयोध्याधिश,त्रिलोकरक्षक, मर्यादा पुरशोत्तम श्रीराम की जन्म भूमि पर उनके निज आवास का निर्माण जिस तेज़ी से चल रहा है उसी तेज़ी से उनके स्वागत के लिए अयोध्या भी हर तरीक़े से तैयार हो रही है।
FAQ:
Q: राम लला कौनसे मंदिर में विराजमान होंगे?
Ans. प्रभु श्रीराम जी नव्य,दिव्य एवं भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।
Q: अयोध्या राम मंदिर की ऊँचाई कितनी है?
Ans. अयोध्या राम मंदिर की ऊँचाई 161 फ़ीट है।
Q: राम मंदिर का शिलान्यास किसने किया है?
Ans. राम मंदिर का शिलान्यास माननीय नरेंद्र मोदीजी ने किया है।
Q: राम मंदिर का भूमि पूजन कब किया गया?
Ans. राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था।
Q: राम जन्मभूमि अयोध्या किस नदी के किनारे स्थित है?
Ans. राम जन्मभूमि अयोध्या सरयू नदी के किनारे स्थित है।
Q: अयोध्या राम मंदिर में कितनी मंज़िल होंगे?
Ans.अयोध्या राम मंदिर में 3 मंज़िल होंगे।
Q: अयोध्या राम मंदिर कितने एकड़ में बन रहा है?
Ans. अयोध्या राम मंदिर 107 एकड़ में बन रहा है।
Q:राम मंदिर का निर्माण कौन सी कम्पनी कर रही है?
Ans. राम मंदिर का निर्माण लार्सन एंड टुबो कम्पनी कर रही है।