राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए खास दीपक,अगरबत्ती,घंटा और पेंटिंग आदि क्या तैयारियाँ की जा रही है? (What preparations are being made for the consecration of Ram temple like special lamps, incense sticks, bells and paintings etc.?)

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है।इस दिन के लिए सबके माँ में एक अलग ही उत्साह और ख़ुशियाँ है।प्राण प्रतिष्ठा के दिन भारत में दूसरी दिवाली मनायी जाएगी।इस दिन के लिए बरसों से सबने इंतज़ार किया था और आख़िरकार यह दिन आ ही गया।इस दिन राम लला अपने मुख्य स्थान पर विराजमान होंगे।अयोध्या नगरी में एक बार फिरसे राम राज्य लौटने वाला है।आज हम इस पोस्ट के द्वारा बताएँगे की, भारत के अलग-अलग राज्यों में राम लला के स्वागत की किस प्रकार तैयारियाँ की जा रही है।

राम मंदिर में अखंड ज्योत कैसे जलायी जाएगी? (How will the Akhand Jyot be lit in the Ram temple?)

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान के लिए जोधपुर से शुद्ध 600 किलो घी आया है।जो राम लला के मंदिर में अखंड ज्योति और उस दिन जो भी यज्ञ ,हवन एवं अनुशतहन किए जाएँगे उसमें यह घी का उपयोग किया जाएगा।अब हम आपको बताते हैं की यह घी जोधपुर से अयोध्या कैसे लाया गया? 108 कलश में करके यह 600 किलो देसी घी 27 नवम्बर को जोधपुर से निकला था जिसे 5 बैलगाड़ियों पर अयोध्या लेकर जोधपुर के संत महर्षि संदीपनी महाराज जी पहुँचे।कुछ इस तरह से जोधपुर के लोगों ने अपना योगदान दिया राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए।

राम मंदिर के लिए उत्तर प्रदेश में क्या तैयारियाँ हो रही है? (What preparations are being made for Ram temple in Uttar Pradesh?)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी के निर्देश पर संस्कृति विभाग की ओर से 24 मार्च तक राम कथा होगी।अब हम आपको बताते हैं कि यह कथा कौनसे क्रम में होगी 

  • पहली कथा होगी चिन्मयानंद बापू की। इस कथा का आयोजन राम कथा पार्क कागभुसुंडि मंच पर होगा।यह कथा सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक होगी। यह कथा पूर्णतः रामायण पर आधारित होगी।रामकथा के पहले दिन मंगलाचरण होगा।दूसरे दिन शिव चरित्र पर कथा होगी।तीसरे दिन शिव विवाह पर कथा करेंगे चिन्मयानंद बापू।चौथे दिन राम जन्म,और पाँचवे दिन बाल लीला की कथा होगी।छठे दिन पर धनुष भंग और सांतवे दिन श्रीराम विवाह उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
  • 15 जनवरी से मथुरा के महंत देवकीनंदन ठाकुर राम कथा कहेंगे।
  • 14 से 22 जनवरी के बीच 1008 यज्ञ किए जाएँगे जिसमें,देश के पी.एम गृह मंत्री,कई मुख्यमंत्री,हेमा मालिनी के समेत कई और जानी मानी हस्तियाँ भी आएँगी।

राम मंदिर को लेकर गुजरात में क्या तैयारियाँ हो रही है? (What preparations are being made in Gujarat regarding Ram temple?)

  • गुजरात के वलसाड जिले के धर्मपुर तहसील के भैंसधरा गाँव में रामायण और राम मंदिर की घटनाओं पर आधारित 1 किलोमीटर लम्बी पेंटिंग बनायी गयी।इस पेंटिंग को लगभग 4000 छात्रों और 200 कारीगरों ने 6 घंटे में तैयार किया।यह पेंटिंग अयोध्या को गुजरात की तरफ़ से भेंट के रूप में दी जाएगी।
  • अब बात करते हैं,गुजरात में स्थित सूरत के बारे में। यह रामायण साड़ी बनायी गयी है।एक कपड़ा फ़ैक्टरी में बनायी गयी है यह साड़ी।यह साड़ी अयोध्या भेजी जाएगी और यह भी राम लला को भेंट के स्वरूप में दी जाएगी।इस साड़ी की ख़ासियत यह है कि साड़ी में रामायण की घटनाओं का पूर्ण वर्णन है।राम जी के जन्म से लेकर उनका विवाह, वनवास जाना, सीता हरण,अयोध्या वापसी तक की सारी घटनाओं का अच्छे से वर्णन किया गया है।आपको बताना चाहेंगे की इस साड़ी में सिर्फ़ लिखावट ही नहीं बल्कि चित्र भी हैं।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए बनाई गयी एक खास अगरबत्ती। A (special incense stick made for the consecration of Ram temple.)

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन के लिए,इस खास अगरबत्ती को तैयार किया गया है।यह अगरबत्ती गुजरात के वडोदरा में बनायी जा रही है। श्रीराम जन्म भूमि के प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के लिए इसे ख़ासकर बनाया गया है। इस अगरबत्ती में गाय का गोबर,गाय का घी, पेड़ की लकड़ियाँ,तिल जौ,हवन सामग्री समेत तमाम चीज़ों का इस्तमाल किया गया है।यह दुनिया की सबसे बड़ी अगरबत्ती है क्योंकि, यह 108 फ़ीट लम्बी है।जिसने यह अगरबत्ती को बनाया है उनका कहना है की, यह अगरबत्ती ऐसे तत्वों से बनायी गयी है जो भी यज्ञ में इस्तमाल किए जाते हैं।यानी की, इस अगरबत्ती को जलाना और यज्ञ करना एक समान है।यह अगरबत्ती लगातार डेढ़ महीने तक जलती रहेगी।इस अगरबत्ती में 151 किलो गाय का घी इस्तमाल किया गया है,425 किलो इसमें हवन सामग्री डाली गयी है,और भी सामग्रियाँ ज़्यादा मात्रा में इसमें डाली गयी है।1475 किलो गाय के गोबर का पाउडर इस्तमाल किया गया है।इस अगरबत्ती का वज़न है, 3500 किलो।यह अगरबत्ती बनाने में 5.5 लाख रुपए की लागत लगी हैं।रामजी की कृपा से बहुत से लोगों ने इस अगरबत्ती के लिए अपना योगदान दिया है।इस अगरबत्ती को 138 फ़ीट लम्बी ट्रक के द्वारा अयोध्या ले जाया जा रहा है। ट्रक को बहुत ही ज़्यादा ख़ूबसुरती से सजाया गया है।अगरबत्ती को देखने के लिए भी राम भक्त बहुत उत्साहित हैं और जहाँ से वह ट्रक जा रहा है सब जगह से लोग रुक-रुक कर फ़ोटो और विडीओ बना रहें हैं।इस अगरबत्ती को गुजरात से अयोध्या पहुँचने में 45 दिन का समय लगेगा। अगरबत्ती की ख़ुशबू की बात करें तो राम मंदिर के परिसर में तो यह ख़ुशबू आएगी ही लेकिन,मंदिर के बाहर तक इसकी ख़ुशबू जाएगी।

राम मंदिर में लगने वाला घंटा क्यों है इतना नायाब? (Why is the bell in Ram temple so unique?)

राम मंदिर जो सैकड़ों वर्ष की मेहनत के बाद अब तैयार हो चुका है, और राम लला उसमें विराजमान होने जा रहे हैं।ऐसे में राम मंदिर को भव्य बनाने वाली हर एक चीज़ चर्चा में है।अब आपको बताते हैं राम मंदिर में लगने वाले घंटे के बारे में।यह घंटा रामेश्वरम,तमिल नाडू में तैयार किया गया है और अयोध्या लाया गया है।कहते हैं कि मंदिर में घंटी इसलिए स्थापित की जाती है ,जिससे मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्ति में चेतना जागृत हो।ऐसे में राम लला को जागृत करने के लिए यह खास घंटा बनाया गया है।इस घंटे की चर्चा होना तो लाज़मी ही है।यह घंटा अपने आप में ही खास है।इस घंटे का वज़न 600 किलो है।घंटे पर प्रभु श्रीराम का नाम भी लिखा हुआ है।यह घंटा जब बजाया जाएगा तो इसकी आवाज़ 10 किलो मीटर तक सुनाई देगी।इस घंटे को अष्टधातु से तैयार किया गया है।आपको बताना चाहेंगे की, उस घंटे को तैयार करना इतना आसान काम नहीं था। राम मंदिर में लगने वाला यह घंटा ही मुख्य घंटा होगा मंदिर का।इस घंटे को तैयार करने में 400 से ज़्यादा कर्मचारी लगे हैं।इन कर्मचारियों ने दिन रात एक करके इस घंटे को तैयार किया है।खास बात तो यह है की इस घंटे को मंदिर में स्थापित करने से पहले ही श्रद्धालु इस घंटे को देखने के लिए यहाँ आ रहे हैं।इस घंटे को माथे से लगाके लोग राम नाम की जय-जयकार लगा रहे हैं।इस घंटे को उत्तरप्रदेश के ही एक परिवार ने तैयार करवाया  है और यह घंटा वो राम मंदिर को भेंट के स्वरूप में दे रहे हैं।

FAQ:

Q: अखंड ज्योत के लिए घी कहा से आ रहा है?

Ans. अखंड ज्योत के लिए 600 किलो घी जोधपुर से आया है।

Q: अयोध्या के नए एर्पॉर्ट का नाम क्या है?

Ans. महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम यह नाम है।

Q: प्राण-प्रतिष्ठा का मंत्र क्या है?

Ans. ॐ ब्रम्हा विष्णु महेश्वरा: ऋषिभ्यो नमः शिरसि। ऋग्यजुः सामच्छन्देभ्यो नमः मुखे। प्राणशक्त्यै नमः ह्रदये।

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